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विश्व के प्रमुख घास के मैदान
विश्व के प्रमुख घास के मैदान कहा है :-
सवाना उष्णकटिबंधीय घास के मैदानों को कहते हैं। ये बहुत बडे क्षेञ में फैले रहते हैं और हमेशा हरे भरे रहते हैैं, इसके साथ इसमें पेड पौधे भी होते हैं, आईये जानते हैं विश्व के प्रमुख घास के मैदान/सवाना की सूची – Grasslands of the World विश्व के प्रमुख घास के मैदान/सवाना – Grasslands of the World प्रेयरीज (Prairies) – उत्तरी अमेरिका लानोज (llanos) – अमेजन नदी के उत्तरी ओरनीको बेसिन कम्पास (Campos) – अमेजन नदी के दक्षिण भाग में ब्राजील कटिंगा (cutting) – ब्राजील के उष्ण कटिबंधीय वन पार्कलैण्ड (parkland) – अफ्रीका पम्पास (pampas) – द.अफ्रीका(अर्जेण्टीना के मैदानी भागों में) वेल्ड (Veld) – द.अफ्रीका के भूमध्य सागरीय जलवायु में डाउंस (Downs) – आस्ट्रेलिया(मरे-डार्लिंग बेसिन में) स्टेपीज (Steppe) – यूरेशिया
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विश्व के प्रमुख घास के मैदान सवाना :-
सवाना घास का मैदान मुख्य रूप से पूर्वी अफ्रीका (केन्या, तंजानिया) में पाए जाते हैं। इसका सर्वाधिक विस्तार अफ्रीका में ही पाया जाता है। इसके अतिरिक्त ये कोलंबिया और वेनेजुएला के ओरिनिको बेसिन तथा ब्राजील, बेलीज, होंडुरास के साथ साथ भारत के दक्षिणी भागों में भी पाए जाते हैं। सवाना एक उष्ण कटिबंधीय घास का मैदान है, जो उष्ण कटिबंधीय वर्षा वनों और मरुस्थलीय बायोम के बीच पाया जाता है। इस प्रकार के घास के मैदान में घास के अतिरिक्त कहीं कहीं झाड़ियाँ और कुछ पेड़ भी पाए जाते हैं।
विश्व के प्रमुख घास के मैदान पम्पास :-
पम्पास घास के मैदान का विस्तार दक्षिण अमेरिका के अर्जेन्टीन और उरुग्वे में अटलांटिक महासागर से लेकर एंडीज पर्वत तक पाया जाता है। 7-8 लाख वर्ग किलो मीटर में फैले ये घास के मैदान अत्यघिक उपजाऊ हैं।
विश्व के प्रमुख घास के मैदान लानोज :-
लानोज घास के मैदान का विस्तार वेनेजुएला में है।
घास के मैदान विस्तार क्षेत्र
सवाना – पूर्वी अफ्रीका (केन्या, तंजानिया), वेनेजुएला, कोलंबिया, ब्राजील
पम्पास – अर्जेंटीना, उरुग्वे, ब्राजील
स्टेपीज – पश्चिम रूस, मध्य एशिया (यूरेशिया)
कैम्पास – ब्राजीलियन उच्च भूमि
लानोज – वेनेजुएला
सेल्वास – अमेजन बेसिन
सेराडो – ब्राजील
साहेल – अफ्रीका में लाल सागर से अटलांटिक सागर तक
वेल्ड दक्षिण – अफ्रीका
केंटरबरी – न्यूजीलैंड
डाउंस – आस्ट्रेलिया
प्रेयरी – उत्तरी अमेरिका
पुस्ताज – हंगरी
पटाना – श्रीलंका
पोर्कलैंड – आस्ट्रेलिया
कंपोज – ब्राजील |
सवाना उष्णकटिबंधीय घास के मैदान :-
सवाना उष्णकटिबंधीय घास के मैदानों को कहते हैं। ये बहुत बडे क्षेञ में फैले रहते हैं और हमेशा हरे भरे रहते हैैं, इसके साथ इसमें पेड पौधे भी होते हैं, आईये जानते हैं विश्व के प्रमुख घास के मैदान/सवाना की सूची-
विश्व के प्रमुख घास के मैदान/सवाना
प्रेयरीज (Prairies) – उत्तरी अमेरिका
लानोज (llanos) – अमेजन नदी के उत्तरी ओरनीको बेसिन
कम्पास (Campos) – अमेजन नदी के दक्षिण भाग में ब्राजील
कटिंगा (cutting) – ब्राजील के उष्ण कटिबंधीय वन
पार्कलैण्ड (parkland) – अफ्रीका
पम्पास (pampas) – द.अफ्रीका(अर्जेण्टीना के मैदानी भागों में)
वेल्ड (Veld) – द.अफ्रीका के भूमध्य सागरीय जलवायु में
डाउंस (Downs) – आस्ट्रेलिया(मरे-डार्लिंग बेसिन में)
स्टेपीज (Steppe) – यूरेशिया |
विश्व के प्रमुख घास के मैदान एवं रेगिस्तान :-
प्रमुख घास के मैदान –
1. पम्पास – अर्जेंटीना।
2. प्रेयरी – अमेरिका।
3. वेल्ड – दक्षिण अफ्रीका।
4. डाउन्स – आस्ट्रेलिया।
5. केंटरबरी – न्यूजीलैंड।
6. स्टेपी – ट्यूनेशिया।
विश्व के प्रमुख रेगिस्तान :-
1. सहारा – अफ्रीका।
2. गोबी – मंगोलिया।
3. कालाहारी – बोत्सवाना।
4. तकलामकान – चीन।
5. काराकुम – तुर्कमेनिस्तान।
6. अटाकामा – चिली।
7. थार – भारत व् पाकिस्तान।
घास-भूमियो को दो वर्गों में बांटा गया है :-
1 – उष्ण कटिबन्धीय घास भूमिया – इसे अलग अलग देशो में अलग अलग नाम से जाना जाता है, जैसे – सवाना (अफ्रीका), कम्पोज (ब्राजील), लनोस (वेनेजुएला व कोलम्बिया )
2 – शीतोष्ण कटिबंधीय घास भूमियाँ – इसे निम्न नाम से जाना जाता है – प्रेयरी (संयुक्त राज्य अमेरिका ) पम्पास (अर्जेंटीना), वेल्ड (दक्षिण अफ्रीका), डाउन्स (ऑस्ट्रेलिया), स्टेपी (एशिया, उक्रेन, रूस, चीन के मंचूरिया प्रदेश ) |
प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज’ जर्नल में छपे नए अध्ययन के अनुसार जलवायु परिवर्तन के चलते घास के मैदान और उनमें उगने वाली पौधों की प्रजातियों में परिवर्तन आ रहा है । जिसके चलते इन घास के मैदान की पहचान बदल रही है |
अध्ययन के अनुसार घास के मैदानों में आ रहे बदलावों के लिए जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और पर्यावरण में आ रहे परिवर्तन मूल रूप से जिम्मेदार पाए गए, जिनमें मुख्यत कार्बन डाइऑ
क्साइड का बढ़ता स्तर, तापमान में हो रही बढ़ोतरी, अतिरिक्त पोषक तत्व से हो रहा प्रदूषण और सूखा आदि कारक मुख्य रूप से जिम्मेदार थे, शोधकर्ताओं ने देखा कि जलवायु परिवर्तन से जुड़े कारकों में से किसी भी एक के संपर्क में आने के 10 साल के बाद, इन घास के मैदान में उगने वाली पौधों की प्रजातियों में परिवर्तन आना शुरू हो गया।
बड़े पैमाने पर आ रहा है इन घास के मैदानों में बदलाव
विश्व के प्रमुख घास के मैदान सामान्यत :-
सामान्यत घास के यह मैदान, शुरुआती 10 वर्षों तक जलवायु में आ रहे परिवर्तनों को झेल लेते हैं, लेकिन लगातार एक दशक से भी अधिक समय तक जलवायु परिवर्तन को झेलने के बाद इनमें पायी जाने वाली पौधों की प्रजातियों में बदलाव आना शुरू हो गया।
10 वर्षों या उससे अधिक समय तक चलने वाले प्रयोगों में से आधे में पौधों की प्रजातियों की कुल संख्या में बदलाव पाया गया और लगभग तीन-चौथाई प्रजातियों की नस्ल में परिवर्तन देखा गया।
इसके विपरीत, 10 वर्षों से कम चलने वाले प्रयोगों में से केवल 20 फीसदी में ही किसी भी प्रकार का परिवर्तन पाया गया ।
वहीं वैश्विक परिवर्तन के लिए जिम्मेदार तीन या उससे अधिक कारकों से प्रभावित घास के मैदानों में आ रहा परिवर्तन अधिक देखा गया।
इन मैदानों में पौधों की पुरानी नस्लों की जगह पर, पूरी तरह नयी प्रजातियां ने अपना वर्चस्व बना लिया था।
आखिर क्यों जरुरी है यह मैदान :-
दुनिया भर में घास के मैदानों को कई नामों से जाना जाता है। उत्तरी अमेरिका में जहां इन्हें अक्सर प्रेरीज कहा जाता है। वहीं दक्षिणी अमेरिका में पम्पास के नाम से जाना जाता है ।
मध्य यूरेशियन घास के मैदानों को स्टेपी कहा जाता है, ऑस्ट्रेलिया में डाउन्स, यूरेशिया (मुख्य रूप से रूस) में टैगा, अमेज़न घाटी में सेल्वास, जबकि अफ्रीकी घास के मैदानों को सवाना कहते हैं ।
और इन सभी में जो एक बात समान है वो है इनमे पायी जाने वाली घास, जो कि इनकी स्वाभाविक रूप से प्रमुख वनस्पति है।
मूलतः यह घास के मैदान वहां पाए जाते हैं जहां जंगल की वृद्धि के लिए पर्याप्त और नियमित वर्षा नहीं होती। हां, लेकिन बारिश इतनी कम भी नहीं होती कि जमीन रेगिस्तान में बदल जाए।
वास्तव में, अक्सर यह घास के मैदान जंगलों और रेगिस्तानों के बीच स्थित होते हैं। इस दृष्टिकोण से यह मरुस्थलीकरण को रोकने के लिए भी अहम् होते हैं|
हम इन्हे कैसे परिभाषित करते हैं, इसके आधार पर, यह घास के मैदान दुनिया के 20 से 40 प्रतिशत भूमि पर पाए जाते हैं। जो कि आम तौर पर खुले और सपाट होते हैं, और प्रायः अंटार्कटिका को छोड़कर दुनिया के हर महाद्वीप पर मौजूद हैं।
मवेशियों के लिए भोजन उपलब्ध कराने के अलावा, यह घास के मैदान अनेकों ऐसे जीवों का घर हैं जो इनको छोड़कर अन्य किसी और स्थान पर प्राकृतिक रूप से नहीं पाए जाते, जैसे कि उत्तरी अमेरिका के प्रेरीज में पाए जाने वाले बिसन और अफ्रीकी के सवाना में पाए जाने वाले जेबरा और जिराफ ।
इसके साथ ही यह घास के मैदान एक और विशिष्ट कारण से भी महत्वपूर्ण है, यह दुनिया के कुल कार्बन उत्सर्जन के 30 फीसदी हिस्से को अवशोषित कर सकते हैं, जिसके कारण यह जलवायु परिवर्तन से निपटने में भी अहम भूमिका निभा सकते है।
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