भारतीय मजदूर संघ

भारतीय मजदूर संघ

भारतीय मजदूर संघ का परिचय :- भारतीय मजदूर संघ ने अपने गौरवशाली 63 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं l भारतीय मजदूर संघ की स्थापना प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के जन्मदिन के शुभ अवसर पर 23 जुलाई 1955 को स्वर्गीय श्री दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के नेतृत्व में RSS विचार मंच के अंतर्गत मध्यप्रदेश के भोपाल शहर में की गई , वही रेलवे में BMS का कार्य 1965 में श्रद्धेय श्री ठेगरी जी ने आगरा शहर से प्रारंभ की lबीएमएस एक उत्पादकता उन्मुख गैर राजनीतिक केंद्रीय श्रम संगठन है lभारतीय मजदूर संघ विश्व का सबसे विशाल श्रम संघ होने का गौरव प्राप्त किया हुआ है l हमारे पास 37 प्रांतों से लगभग 2 करोड़ सदस्य हैं उसके अलावा भारतीय मजदूर संघ ने 56 उद्योगों में महासंघ ओं के रूप में अपने को स्थापित किया है हमेशा भारतीय मजदूर संघ ने एक श्रम संघ के रूप में देश के नागरिकों के जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाने की क्षमता को स्थापित किया हैl भारतीय मजदूर संघ ने अपनी अनूठी पहल द्वारा कार्यपद्धती स्थापित कर सदेव सराहना प्राप्त की है चाहे वह 17 सितंबर के विश्वकर्मा जयंती को राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के रूप में मनाना हो ,सूचकांक संख्या के लागत को हतोत्साहित कर एक विस्तृत सूचकांक का संस्करण प्रस्तुत करना हो, 1962 के भारत-पाक युद्ध के दौरान ओवरटाइम कार्य बिना किसी ओवरटाइम चार्ज की अपेक्षा के करके भारतीय सेना के लिए अधिक से अधिक शस्त्रों का उत्पादन करना हो lवैचारिक नेतृत्व पद्धति के द्वारा भारतीय मजदूर संघ ने विश्व पटल पर श्रम संघ आंदोलन में एक नए आयाम को जोड़कर विश्व को रास्ता दिखाया है l भारत के अन्य श्रम संगठनों की तरह BMS किसी संगठन के विभाजन के कारण नहीं बना है वरन एक विचारधारा के लोगों का सम्मिलित प्रयास का परिणाम है l यह देश का पहला श्रमिक संगठन है जो किसी राजनीतिक दल की श्रमिक इकाई नहीं है बल्कि मजदूरों – का ,मजदूरों – के लिए ,मजदूरों – के द्वारा संचालित अपने में स्वतंत्र मजदूर संगठन है l स्थापना के पश्चात द्रुत गति से उन्नति करते हुए आज BMS देश का सर्वाधिक सदस्य संख्या वाला मजदूर संगठन है l यह सत्य है कि अभी तक मजदूर संघ ने भी साम्यवादी कार्यपद्धती के रास्ते को ही अपनाया है l हम देश में वर्चस्व साबित करने के लिए अपना औचित्य साबित कर सकते हैं l हालांकि हमने श्रम संघ में विश्व का सबसे बड़ा संगठन होने का गौरव प्राप्त कर लिया है तथा अन्य श्रम संगठनों के सिद्धांतों के बीच अपने सिद्धांत को भी स्थापित कर दिया है हमारे पास भारतीय मजदूर संघ का दर्शन ,सदस्यों व कार्यकर्ताओं की वड़ी संख्या और संसाधन हैl जिसके माध्यम से हमने प्रचलित श्रम संघ आंदोलन में वैचारिक बदलाव लाने का निरंतर प्रयास किया है l उल्लेखनीय है कि श्रद्धा ठेगरे जी के दिखाए मार्गों और सिद्धांत पर चलते हुए हम अपने सहयोगियों और समाज के बीच अपनी राष्ट्रवादी उपलब्धियों को अच्छी तरह स्थापित कर पाए हैं परंतु अभी हमें इस दिशा में बहुत काम करना है और नए आयाम स्थापित करने हैं l

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यह समय भारतीय मजदूर संघ के लिए उपयुक्त समय है – एक महत्वपूर्ण समीक्षा और विश्लेषण का संचालन करने के लिए :- अपने आप में सुधार करने के लिए व अपनी क्षमता का आकलन करने के लिए, समाज में हम कितना मूल्य संवर्धन कर रहे हैं इसका आकलन करने के लिए – अपनी क्षमताओं का मूल्यांकन आवश्यक है, परिवर्तन सृष्टि का नियम है और निरंतर हो रहे परिवर्तनों के साथ हम कितने सहज हैं इसका आकलन हेतु, मजदूर संघ का भगवा ध्वज त्याग ,तपस्या ,बलिदान और सेवा का एक प्रतीक हैl सदियों पुराना सांस्कृतिक प्रतीक चिन्ह जो की प्रेरणा का स्रोत है जो श्रम संघ क्षेत्र में लहरा रहा है lभारतीय मजदूर संघ भावुकता पूर्ण मानव नियंत्रित औद्योगिक विकास और कृषि समृद्धि के बीच तालमेल का प्रतीक हैl चलता हुआ चक्र मुट्ठी में गेहूं की बाली का गुच्छा और सीधे हाथ के अंगूठे के नियंत्रण के द्वारा विश्वास और मजबूती के साथ प्रतीक चिन्ह को दर्शाया गया है l

BMS का अन्य ट्रेड यूनियन से अंतर :- जब दुनिया में वाम यूनियन अवधारणा प्रचारित व प्रसारित थी उस समय भारतीय मजदूर संघ नई अवधारणा के रूप में विकसित हुआ भारतीय मजदूर संघ का मानना है कि किसी भी श्रम संघ का नेता अच्छा या बुरा नहीं होता है वे सभी प्रतिबद्ध और इमानदार कार्यकर्ता के रूप में काम करते हैं lदोनों में निर्णायक अंतर उनकी विचारधारा और उनके काम करने की पद्धति में होता है l अनेक कारणों में से एक मुख्य कारण यह भी था जिसे ध्यान में रखते हुए श्रद्धेय ठेंगड़ीजी ने स्पष्ट शब्दों में वर्णित किया है “पद- प्रतिष्ठा द्वारा प्राप्त हुई सुविधाओं व लाभों को भोगने से अधिक पद के उत्तरदायित्व का निर्वहन हर कार्यकर्ता का कर्तव्य है”‘ BMS किसी भी पद के लिए प्रतिनिधि या नेता का चयन बहुत ही सावधानी से करती है और करनी भी चाहिए चयन करते समय इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए कि व्यक्ति का नियत पूर्ण क्षमता के साथ समाज की सेवा करने की हो यदि वह व्यक्ति आदर्शवादी हो तो यह एक निर्णायक मापदंड हो सकता है, राष्ट्रवादी दृष्टिकोण होने के नाते यह स्वभाविक है कि हमारे क्रियाकलापों में हमारा आचरण व्यक्त होना चाहिए हमारे लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि है वहीं राष्ट्रहित की चौखट में मजदूरों का हित भी संरक्षित और उन्नत रहे lभारतीय मजदूर संघ का स्पष्ट मत है कि औद्योगिक संबंधों मी ग्राहक एक महत्वपूर्ण पक्ष है जिस की प्राथमिकताओं को सर्वोपरि रखा जाना चाहिएl देश की प्रगति के लिए उद्योग और कर्मचारियों का कार्य प्रणाली में दिशा-निर्देशों के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए l भारतीय मजदूर संघ देश में एकमात्र श्रम संघ है जो मजदूरों के अधिकारों के साथ साथ हर श्रमिक द्वारा अपने दायित्व का भार अपने कंधे पर लेने की बात करता है l

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अन्य मजदूर संगठनों का नारा है :- दुनिया के मजदूरों एक हो परंतु भारतीय मजदूर संघ का नारा है :- मजदूरों दुनिया को एक करो, अन्य मजदूर संगठनों का नारा है चाहे जो मजबूरी हो मांग हमारी पूरी हो परंतु भारतीय मजदूर संघ का नारा है देश के हित में करेंगे काम काम के लेंगे पुरे दाम, आप उपरोक्त बातों को गौर से सोचेंगे तो BMS व अन्य संगठनों के चिंतन में आप को अस्पष्ट अंतर दिख जाएगा lभारतीय मजदूर संघ की नजर में राष्ट्रहित फर्स्ट उद्योग हित सेकंड व मजदूरहित थर्ड है , भारतीय मजदूर संघ सरकार और नियोक्ता दोनों के नीति निर्धारण में कर्मचारी के प्रतिनिधित्व की वकालत करती है l एक राष्ट्रवादी श्रमिक संघ होने के नाते हमारे कर्तव्य सामूहिक सौदेबाजी ,शिकायतों का उपयुक्त चैनल पर उठाना या धरना प्रदर्शन आयोजित करने तक ही सीमित नहीं है इसके अतिरिक्त हमारा कर्तव्य है कि हम सुनिश्चित करें, समाज के नागरिकों को अच्छा पर्यावरण मिले जो उनके जीवन की गुणवत्ता को सीधे तौर पर प्रभावित करता है ,

सदस्यों और उनके परिवारों को अच्छी शिक्षा प्रदान करना :- देश के प्रत्येक नागरिक को अच्छी मूलभूत सुविधाएं देना, समाज के कमजोर शोषित वंचित वर्ग तक बेहतर पहुंच बनाना ,अधिकारों को छोड़ अपनी जिम्मेदारी को समझने का प्रयास ,मानव शक्ति और संसाधनों का पूर्ण रूप से उपयोग जिस से पूर्ण रोजगार और अधिकतम उत्पादन सुनिश्चित हो सके , सेवा मकसद से लाभ मकसद के प्रतिस्थापन करना और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना जिससे श्रम का समान वितरण हो सके ताकि परिणाम स्वरूप हर नागरिक को लाभ पहुंचे और देश की तरक्की हो l

भारतीय मजदूर संघ श्रम संघ आंदोलन के लिए एक नया आयाम है :- भारतीय मजदूर संघ को भारतीय संस्कृति और उसकी परम सफलता में अटूट विश्वास है और अपनी इस प्राचीन संस्कृति और आध्यात्मिक अवधारणा से प्रेरणा लेता है, स्वाभाविक रूप से भारतीय मजदूर संघ का मानना है कि पूरी मानवता एक है और विभिन्न राष्ट्र इसके अलग-अलग पहल है इसीलिए हम मार्क्स के वर्ग संघर्ष के सिद्धांत को खारिज करते हैं और भारतीय मजदूर संघ का किसी वर्ग विशेष के संघर्ष ना होकर अन्याय या शोषण के विरुद्ध संघर्ष है , हम राष्ट्रों के सह अस्तित्व में विश्वास रखते हैं और उनके साथ भाईचारे को प्रोत्साहित करने का प्रयास करते हैं, भारतीय मजदूर संघ एक राष्ट्रीय दृष्टिकोण रखता है हम किसी वाद में संलग्न नहीं है जैसे पूंजीवाद समाजवाद या साम्यवाद , भारतीय मजदूर संघ किसी राजनीतिक दल से संबंधित नहीं है और इसीलिए दलगत राजनीति से स्वतंत्र है, यह एक विशुद्ध श्रम संघ है जो कर्मचारियों की मात्र आर्थिक जरूरतों को ही पूरा नहीं करता बल्कि उनका पूर्ण उत्थान करता है, अनेकता में एकता भारतीय संस्कृति की अनूठी पहचान है और तदनुसार भारतीय मजदूर संघ कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान के लिए विभिन्न श्रम संगठनों को संयुक्त आंदोलन हेतु साथ लाने का प्रयास करता है हम सिद्धांतों पर समझौता नहीं करते संयुक्त आंदोलन समितियों में अपनी विवेचना का असर छोड़ते हैं और संयुक्त कार्यवाही हमारी परंपरा रही है, हम हिंसा और विध्वंस के विश्वास नहीं रखते और अपने समस्त आंदोलन में रचनात्मक दृष्टिकोण का पालन करते हैं, हम कर्मचारियों के हितों को राष्ट्रीय हितों के साथ विचार करते हैं और अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्य को प्रचारित करते हैं, हम उत्पादन बढ़ाने में और उसके उचित वितरण में विश्वास रखते हैं इसीलिए उत्पादन अधिकतम हो किंतु उपभोग संयम के साथ हो, विदेशी प्रभाव को भारतीय समाज से दूर करने का प्रयास करते हैं, हम हड़ताल को आखरी हथियार के रूप में केवल तभी इस्तेमाल करते हैं जब द्विपक्षीय वार्ता ,समझौता,मध्यस्थता आदि विफल हो जाए, हम सम्मानित विश्व संस्था ILOके मुख्य उद्देश्य यथा – पूर्ण रोजगार और जीवन स्तर की बढ़ोतरी के मानक स्थापित हेतु और गरीबी कहीं भी हो हर जगह समृद्धि के लिए खतरा पैदा करती है के सिद्धांतों के पालन के लिए सदैव तत्पर रहते हैं l

Rajasthan History Notes

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