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अखिल भारतीय मिथिला पार्टी
अखिल भारतीय मिथिला पार्टी का इतिहास :-
अखिल भारतीय मिथिला पार्टी द्वारा जन्तर-मन्तर पर हल्ला बोल रैली
आइ दिल्लीक जंतर मंतर पर अलग मिथिला राज्य लेल ‘हल्ला बोल रैली’क आयोजन भ रहल अछि जाहि के नेतृत्व अखिल भारतीय मिथिला पार्टीक नेता विनोद कु यादव “बीरबल” कय रहल छथि।
रैली केँ सफल बनेबाक लेल बीरबल लगातार एक महीना सँ दिल्लीक कोणे-कोण जनसम्पर्क कएलनि। खासकय ओहि आम जनवर्गीय समाज सँ जेकरा मिथिला राज्य आन्दोलन सँ दूर कहल जाएछ। दिल्लीक 30 लाखक मैथिल जनसंख्या मे 95 % संख्या ओहि आम जनवर्गीय समाजक अछि, दिल्लीक विधानसभा, लोकसभा आ वार्ड काउन्सिल धरि केर निर्णय यैह समाज द्वारा कैल जाएछ। बीरबल ई जानकारी दैत कहलनि जे आगामी समय मे मिथिला मड़ौसी केँ फूलेबाक-फलेबाक लेल राज्यक आवश्यकता ईहो वर्ग आब बुझय लागल अछि। आबयवला समय मे भारतक संविधान मे मिथिला राज्य स्थापनार्थ यैह समाज अग्र भूमिका निभाओत। हम सब कियो आपसी समन्वय सँ ई सपना पूरा करब।
रैली केँ सफल बनेबाक लेल बेसी सँ बेसी मैथिल रैली में आबथि ताहि बीरबल केँ संग देनिहार राम सेवक मुखिया, रामबाबू यादव, विजय यादव, लाल बाबू यादव, अमर यादव, रणजीत लाल दास, अमलेश मंडल, अरुण शर्मा केर अलावा दिल्लीक विभिन्न कोण सँ आरो बहुत रास आर मैथिल सभ दिन-राति हिनकर सहयोग करैत रहला अछि ।
आइ हल्ला बोल रैली मे दिल्लीक जन्तर-मन्तर पर हजारों मिथिलाक जनवर्गीय समाज एकत्रित होयत आ केन्द्र केँ ई समाद अन्तिम बेर देत जे आब नहि त छोड़बौ नहि। दिल्ली में मिथिला राज्य आन्दोलनक इतिहास में एकटा नव अध्य्याय लिखत कहलैन रोहित यादव अभामिपाक युवा नेता। ई समाचार लेखन समय ओ जन्तर-मन्तर पर सब तैयारीक अन्तिम निरिक्षण कय रहल छलाह।
अखिल भारतिय मिथिला पार्टी चुनाव :-
बिहार विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में हमारे तीन उम्मीदवार हैं।
1.) बिहपुर निर्वाचन क्षेत्र, भागलपुर जिला। सुबोध कुमार, सर्वश्री रामजी प्रसाद, गाँव-जमालपुर, पीओ-बिहपुर, जिला-भागलपुर।
2.) बेगूसराय निर्वाचन क्षेत्र, दिनेश प्रसाद सिंह, सर्वश्री लक्ष्मी नारायण सिंह, ग्राम-रामदिरी नकटी तोल, पीओ-डुमरी, जिला-डुमरी, जिला- बेगूसराय
3.) महनार संविधान सभा, वैशाली, मनोज कुमार, एस / ओ बालेश्वर राय, गाँव-थानपुर, पीओ-परमानंदपुर, जिला-वैशाली |
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अखिल भारतीय मिथिला पार्टी प्रेस जारी :-
अगामी बिहार विधान सभा चुनाव में अखिल भारतीय मिथिला पार्टी तय करेगी बिहार की राजनीति।
सम्पूर्ण देश के मैथिलो का यह सपना रहा है कि भारत मे अन्य राज्यों के तरह मिथिला राज्य हो। आजादी के बाद से अभी तक राजनीतिक पार्टियों ने केवल मैथिलो को निराश हीं किया है। बिहार रज्य के किसी सरकार ने ईस क्षेत्र की समस्याओं के तह में जाने की कोशिश नही की और समस्याओं को जड़ से खत्म करने की कोशिश नही की। सबो ने ईसे भाग्य भरोसे छोड़ दिया। ईस क्षेत्र के समस्याओं का निर्मूल निवारण, भारतीय सम्विधान के तहत मिथिला राज्य का निर्माण तथा देश के राजनिति का शुद्दीकरण हेतु अखिल भारतीय मिथिला पार्टी का निर्माण हुआ है, जिसे निर्वाचन आयोग ने नेट सितम्बर 2010 को मान्यता प्रदान की।
सन 1325 तक एक देश रहा मिथिला आज बिहार नाम के एक कल्पनिक प्रशासनिक ईकाई मे अपने अस्तीत्व की रक्षा के लिये छटपटा रही है। पिछले छ: दसक मे ईस क्षेत्र को दरिद्रता के दलदल मे धकेल दिया गया। ईसकी सँस्कृतिक, सैक्षणिक एवम समाजिक विषिष्टता को साशन वा प्रसाशन द्वारा नष्ट कर दिया गया। अब ईस पार्टी के तत्वावधान में यह क्षेत्र एक राज्य के रूप स्थापित हो कर, अपनी उर्वरा भूमि एवम बौध्दिक क्षमता के बल पर एक भारत के विकास मे सहयक होगी।
अगमी चुनव मे अखिल भारतीय मिथिला पार्टी बिहार के मिथिल क्षेत्र के अधिकान्स विधान सभा क्षेत्र में अपनी उम्मीदवार दे कर बिहार के राजनैतिक परिदिस्य को बदल देगी।
अखिल भारतीय मिथिला पार्टीक घोषणा पत्र :-
सम्पूर्ण मिथिला में बिहार विधान सभाक एतेक सीट अछि जे सब कियो यदि अपन-अपन वोट दय अखिल भारतीय मिथिला पर्टीक उम्मीदवार जिताबी त पार्टीक सरकार बिहार में बनत आ मिथिलाक सपना एहिरूपें साकार होयत |
1) अखिल भारतीय मिथिला पार्टीक उम्मीदवार एकटा मुखियोक चुनवी खर्चासं कम खर्चमे चुनाव लड़ताह जाहिसं राजनितिक स्तर पर पसरल भ्रष्टाचारकें रोकल जायत।
2) मात्र 30 दिनके भीतर बिहार विधान सभामे मिथिला राज्यक गठनक लेल बिल राखल जायत आ पास करबा केन्द्र सरकारकें पठाउल जायत तथा एक साल के भीतर सांस्कृतिक वैशिष्टय एवं आर्थिक पि्ड़ापनक आधार पर भारतक भीतर मिथिला राज्य गठन करबाउल जायत जाहिमे गंडक, वज्जी, बागमती, कोशी, महानंदा, अंग आ संथाल प्रमंडल रहत आ सब क्षेत्रक बोलिके बरोबरि महत्व देल जायत।
3) एक सालक भीतर आजादीक बादसं आई धरि बिहार सरकार द्वारा केन्द्र सरकारकें वापस कैल गेल राशि साँ आबादीक आधार पर मिथिलाक हिस्सा वापस माँगि विकासक कार्य कयल जायत।
4) केन्द्र सरकारकें द्वारा IIT , AIIMS, IIM तथा कृषि शोध एवं विश्वविद्यालय के स्तरक कम स कम एकटा संस्थान मिथिलाक प्रत्येक प्रमण्डलमे खोलवायल जायत।
5) पाँच वर्षक कार्यकाल में कम साँ कम एक करोड़ लोकक लेल प्रत्यक्ष आ एक करोड़ साँ बेसी लोकक लेल परोक्ष रुपें रोजगार उतपन्न कयल जायत।
अखिल भारतीय मिथिला पार्टी पर कार्य शुरू :-
1)एक सालक भीतर कोशी बाढ़ि 2008 मे प्रभावित क्षेत्रमे आधुनिक मानडण्ड पर पुनर्वासक कार्य आरम्भ होयत।
2) पाँच वर्षक कर्यकालमे नीचा देल समस्त कार्यकें पूरा कयल जायत आ मैथिलक प्रति व्यक्ति आमदनी, देशक प्रति व्यक्ति आमदनीक तालिकामे सबसं ऊ पर रहत।
3) पार्टीक सरकार सर्वप्रथम बाढ़िक निदान, 24 घंटा बिजुली, बन्द मिल के खोलब, शिक्षा, स्वास्थ सेवा पर ध्यान देल जायत।
4) मिथिलाक समस्त गाँवमे व्यक्तिगत वा सरकारी पोखरिकें गहीर कय जल संचयक व्यवस्था कयल जायत जाहिसाँ सालो भरि कृषिक लेल जलक उपलब्धता रहत। पोखरिकें गहींर केलासाँ बाढ़िक पानि पोखरिमे जायत जाहिसाँ बाढ़िक तीव्रता सेहो कम होयत।
5) पोखरि के गहींर केला स सालो भरि पानि रहत जकरासँ माछ आ जल उत्पाद यथा मखान, कमल, सिंघार, आदिक उत्पादन बढ़त।
6) मिथिलाक प्रत्येक गाँव में डिस्पेंसरी, पन्चायत मे चौबीसो घन्टा सेवा वाला एम्बूलेंस युक्त हाँस्पीटल, प्रखण्ड में आँप्रेशन आ सब जाँच सुबिधा स युक्त हाँस्पीटल , जिला में सर्ब सुविधा सम्पन्न हाँस्पीटल, एकरा बादो राज्यहिमे AIIMS स्तरीय संस्थान रहत जाहि साँ ईलाजक वास्ते कोनो व्यक्ति के कोनो हाल में राज्यसाँ बाहर जयबाक आबस्यकता नहि परतैक।
7) मिथिला सरकार प्रत्येक जिलामे ईन्जीनीयरिंग आ मैनेजमेंट के संस्थान आ प्रत्येक अनुमंडलक स्तर पर पाँलीटेकनिक आ आई टी आई खोलत।
8) मिथिलाक समस्त गाँव में आवादिक अनुपातमें शिक्षकक नियुक्ती एवं विद्यालयक संख्या वढ़ाओल जायत जाहि स सिक्षितक दर 5 वर्ष में राष्ट्रीय दर के बराबर आ 10 वर्ष में सतप्रतिशत भय जायत। वर्तमान मे साक्षरताक दर, राष्ट्रीय 65.2%, मिथिलाके छोड़ि कय बिहार 55 % आ मिथिला 42.5 % अछि जखन की उड़ीसाक कालाहाँडी 62.5 %।
9) प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षाक स्तरपर शिक्षाक माध्यम मैथिली कयल जायत तथा
10) सम्पूर्ण मिथिला में राज-काजक भाषा सरल मैथिली रहत जाहिमे ओही प्रमंडलक लोक बजैत छथि तथा सरल संस्कृत द्वितीय भाषा रहत जाही कोटिमे हिंदी समेत अन्य भाषा के सेहो उचित स्थान भेटत।
11) मिथिला मे पूर्णरूपे सराब बन्दी कयल जायत।
12) चीनी, जूट, तम्बाकू मिल के पुनः खोलि आ नव मिलक स्थापना कय कृषी एवम रोजगारक अवसर उतपन्न करब।
13) आम, लीची, केरा, सूर्यमूखी, अनानास आदि पर आधारित खाद्य प्रसन्सकरण मिलक स्थपना कय कृषी एवम रोजगारक अवसर उतपन्न कयल जयत।
14) सिमेंट, एस्वेस्टस, प्लास्टिक आ लौह उत्पादक कार्खानाक विस्तार कयल जयत।
15) बरौनी पेट्रोकेमिकलक विस्तारीकरण ।
16) खादी, हस्तकरघा एवं सिल्क उद्योग के विस्तार एवम बाजार बनायब तथा विकासक लेल सोध संथानक स्थापना कर।
17) सूचना प्रद्यौगिकी आधारित उद्योगक स्थापना स मिथिलाक समृद्ध मानवसंसाधन के स्थनीय स्तर पर रोजगर भेटत।
18) मिथिला पेंटिंग के उद्योग के रूप में विकसित करबा लेल बाजार बनाय।
19) मिथिला क्षेत्र में पेट्रोलीयम खनिज के खोज एवम खनन के कार्य करबाओत।
20) बरौनी, काँटी, किसनगंज, जमुई में थर्मल पावर सनयंत्र के स्थापना आ विका्स कयल जायत।
21) नदी बाहुल्य क्षेत्र मे नदी एवं नहरि पर छोटछोट वाटर रिजर्वायर बना हाईड्रोइलेक्ट्रिक उत्पादन एवम सिचाई के व्यवस्था कयल जायत आ एहि सँ विस्थापन सेहो नहि होय।
22) नदी सब के उराहि कय गहीर कयल जायत जाहि सँ बाढ़ि पर नियन्त्रण होयत आ जल परिवहनक विकास होयत।
23) बाढ़ि रोधी पक्की सड़क के निर्माण कय गाम के शहर स जोरल जयत।
24) गाम वा शहर के रिंग सड़क सँ बान्हल जायत जाहि सँ बाढ़िक पानि गाम वा शहर में नहि जायत। एहि परिपेक्ष में गाम वा शहरक भीतरक पानि पोखरि मे जमा होयत तथा अतिरिक्त पानिक लेल निकासीक व्यवस्था रहत।
25) लगभग 9.42 लाख हेकटेयर कृषि योग्य भुमि जलजमाव के कारण बेकार भय गेल अछि, जाहि स लगभग 38 लाख आदमी वेरोजगार भय गेल। एहि क्षेत्रक 25-30% भुमि के कोरि गहीर कय वाटर-पर्क आ झील में परिनत कय माछक उत्पादन कयल जायत आ एकर किनार मे पर्यट्न स्थलक स्थपना कय पर्यटनक विकास कयल जायत। झील स निकलल माटि सँ बाँकी 70-75 % भूमि के भरि कृषि कार्य के लेल बनाओल जाय।
26) प्रखण्ड स्तर तक के कस्बा के टाउन प्लानिंग के आधार पर विकसित कयल जायत जाहिमे कृषि उत्पादक मण्डी जरूर रहत।
27) मिथिलामे आधुनिक सड़क परिवहनक व्यवस्था कयल जायत, जाहि स परिवहनक समस्याक समाधान होयत।
28) मिथिला के हवाई परिवहन स जोरल जायत जाहि स अन्तरराष्ट्रीय पर्यटन एवं निर्यात आधारित उद्योग वा कृषिक विकास होयत।
29) मिथिलाक समस्त तीर्थस्थान के पर्यटन स्थल के रूपमे विकसित कयल जायत जाहि स मिथिला क महत्व उजागर होयत आ रोजगार उतपन्न होयत।
30) मिथिला सरकार जानकी, बुद्ध, महावीर, विद्यापति, सल्हेश, दीना भदरी, लोरिक, चुहरमल सन जननायकक महोत्सव मनायत आ हुनक तिथिपर सार्वजनिक अवकाश राखत
31) देश के तोरय वाला ताकत के उकसावा मे आवि क मुख्य धारा स कटल व्यक्ति सब के समुचित पुनर्वासक व्यवस्था कय देशक मुख्य धरामे जोरल जायत।
32) भारत तथा नेपालक बीच मैत्री बढ़ेबाक लेल समुचित कार्य कयल जायत।
33) पुलिस विभाग के आधुनिकी करण कय कानून व्यवस्था के मजबूत कयल जायत तथा देश के भीतर नेपाल तथा बाँग्लादेश के तरफस अबै वाला असमाजिक तत्वके रोकब।
34) अन्तरराष्ट्रीय मैथिली काउन्सिलके स्थपना करब जे विश्व भरि मे रहय वाला मैथिलके समाजिक ओ सांस्कृतिक डोरीमे बान्हत।
अखिल भारतीय मिथिला पार्टी श्रद्धांजलि सभा :-
दिल्ली 29 अप्रैल अखिल भारतीय मिथिला पार्टी कैल्ह (30-अप्रैल-2017) रैव दिन बेरूपहर 03:30 बजे दिल्ली’क जंतरमंतर पर अपना सैकड़ों काजकर्ता के संग मिथिलाक तीनू लाल अमर शहीद नरेश यादव, अभय कुमार आ रंजीत कुमार के संग संग सुकमा आ कुपवाड़ा मे शहिद भेल समस्त सैनिक के शहादत पर एकटा श्रद्धांजलि सभा आ केंडल मार्च के आयोजन करत ।
दिल्ली प्रदेश महामंत्री रोहित यादव जानकारी दैत कहला की श्रद्धांजलि सभा आ कैंडल मार्च के बाद पार्टी गृहमंत्री भारत सरकार आ मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ के पुतलादहन सेहो करत। पार्टी के मानब अछि जे वर्तमान रमन सिंह सरकार आ केंद्रीय गृहमंत्री भारतीय सैनिक के सुरक्षा नहि दs पाबि रहल अछि आ हिनका दून्नू गोटे के तत्काल अपना अपना पद सं इस्तीफा द देबाक चाही।
अखिल भारतीय मिथिला पार्टी कएलक रत्नेश्वर झा केँ :-
दरभंगा, 10 अक्टूबर(मिथिला दर्शन.न्यूज़)। अभामिपा केर राष्ट्रीय अध्यक्ष शिलानाथ मिश्र बृहस्पति दिन करगर निर्णय लैत राष्ट्रीय महासचिव रत्नेश्वर झा केँ पार्टी विरोधी गतिविधिक कारण पार्टीक पद आ साधारण सदस्यता सँ 6 बरखक लेल निलंबित कए देलक एहि। मिश्र अपन आदेश मे लिखाई छथि जे, लगातार पार्टी विरोधी गतिविधि केँ देखैत राष्ट्रीय महासचिव रत्नेश्वर झा केँ सँ बेर-बेर आग्रह कएल जे एहि प्रकारक गैर-अनुशासनिक गतिविधि सँ अपनेआप केँ अलग राखु मुदा तेकरा बादो पार्टीक नियम-कायदाक विपरीत विभिन्न प्रस्ताव आ कार्यकलाप मे मग्न रहलैथ। एहि तरहक कार्यकलाप’क कारण अंतमे हारिकेँ एकटा पार्टी प्रमुख हेबाक नाते हम इ कदम उठेलौं एहि।
मिश्र एतबे पर नहि रुकलाह ओ अपन सख्त आदेश दैत रत्नेश्वर झा केँ कहला अछि जे, पार्टी संबंधित सभटा कागत आ दस्तावेज, राशि आ लेन-देन’क ब्यौरा पार्टीक दरभंगा कार्यालय मे अगिला 7 दिनक भीतर अपन लिखित जबाबक संग कार्यालय मे जमा क दैथ अन्यथा पार्टी कानूनी कार्यवाही’क लेल बाध्य होएत।
ओ आगा सेहो क्यो एहि तरहक पार्टी विरोधी गतिविधि’क दुस्साहस नहि करैथ ताहि लेल सख्त निर्णय लैथ बजलाह एहि जे, अभामिपा कोनो तरहक अनुशासनहीनता आ असंवैधानिक कार्यकलाप बर्दाश्त नहि करत।
मिथिला राज्य निर्माण के लिए दिया धरना :-
अखिल भारतीय मिथिला पार्टी जिला इकाई के बैनर तले मिथिला विकास योजना एवं मिथिला राज्य निर्माण हेतु कार्यकत्ताओं ने शनिवार को सरकारी बस पड़ाव में धरना दिया। साथ मांगों से संबंधित पांच सूत्री ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से बिहार के राज्यपाल को प्रेषित किया गया। इस दौरान एक सभा हुई। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष प्रमोद प्रियदर्शी एवं संचालन हरेकृष्ण चौधरी ने की। सभा को संबोधित करते हुए पार्टी के संस्थापक सह राष्ट्रीय महासचिव रत्नेश्वर झा ने कहा कि मिथिला के ढ़ांचागत विकास हेतु मिथिला विकास योजना एवं मिथिला राज्य निर्माण के लिए बिहार विधान मंडल से प्रस्ताव पारित कर उसे केन्द्र सरकार को भेजा जाए। मिथिलावासी अब मिथिला के विकास हेतु मिथिला क्रांति की शुरुआत कर रहे है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सदरे आलम खान ने कहा कि जो मिथिला की बात करेगा वहीं मिथिला पर राज करेगा। उन्होंने कहा कि बंद पड़े उद्योगों को चालू कराने, कर्पूरी ठाकुर के सम्मान में विश्वविद्यालय की स्थापना, नून नदी परियोजना आदि मांगों को लेकर संघर्ष जारी रहेगा। सभा को पार्टी के प्रदेश सचिव व पूर्व विधायक प्रत्याशी प्रेमजीत कुमार झा, राष्ट्रीय सचिव संजय मिश्रा, मिथिला छात्र संघ के जिला संयोजक नीतीश कुमार, जयशंकर प्रसाद ¨सह, बलराम पाठक, विनोद चौरसिया, शकुंतला देवी, रेणु झा, शक्ति ठाकुर, जयंत पाठक, राजेश सहनी, सचिन यादव, विक्की पाठक, संतोष कुमार, अमरजीत कुमार, मनीष कुमार आदि ने संबोधित किया।
मिथिला पार्टी के अध्यक्ष आनंद झा का निधन :-
अखिलभारतीय मिथिला पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आनंद झा का 23 मई को सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। वे दिल्ली स्थित अपने कार्यालय से शाम सात बजे घर जा रहे थे, इसी दौरान कार की चपेट में गए। घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई। यह जानकारी अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषद के झारखंड प्रदेश प्रवक्ता प्रमोद कुमार झा ने दी। उन्होंने बताया कि उनके निधन से पूरे मिथिलांचल मे शोक की लहर है। वहीं, मिथिला राज्य आंदोलन को गहरा झटका लगा है। आनंद झा मृदुभाषी थे। उनके नेतृत्व में समाज का काफी विकास हुआ। वे हमेशा दूसरों की मदद के लिए तैयार रहते थे। उनके अधूरे कार्य को पूरा करना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
अखिल भारतीय मिथिला पार्टी द्वारा शोकसभा’क आयोजन :-
अखिल भारतीय मिथिला पार्टीकें केंद्रीय कार्यालयमे शनिदिन पार्टीकेँ पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सदरे आलम खानकें मोन पारैत शोकसभाक आयोजन कएल गेल। सभामे उपस्थित पार्टीक कार्यकर्ता सहित बहुतो लोक पूर्व महासचिवक चित्र पर माल्यार्पित कए अप्पन विचार रखलनि।
पार्टीक राष्ट्रीय अध्यक्ष शिलानाथ मिश्र कहलनि जे, हम मिथिलाक विकासक लेल मोन सं सक्रीय रहैत छी, आ अहि लेल पार्टीकें द्वारा पूर्ण ताकत सं समाजमे काज कायल जा रहल अछि। अहि अवसर पर संजय मिश्र कहलनि जे, सदरे आलम खानकें अहि शोकसभा सबकेँ संकल्प लेबाक चाही जे, सदरे आलम पार्टी द्वारा जाहि विकासक लेल संकल्पित छलाह ओकरा हम सब अवश्य पूरा करब। ओ कहलनि जे आबय वला समयमे पार्टी चुनाव लड़ि कए हुनक सपनाकेँ साकार करत।
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