अखिल भारतीय महिला कांग्रेस स्थापना दिवस , अखिल भारतीय महिला कांग्रेस 1927 , अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सदस्य , हरियाणा में कांग्रेस की स्थापना कब हुई , कांग्रेस पार्टी ज्वाइन , भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष कौन थी , कांग्रेस सदस्यता फार्म , भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कब और किसने की , अखिल भारतीय महिला राज पार्टी ,
अखिल भारतीय महिला राज पार्टी
राजनीति में महिलाओं को निभानी चाहिए बढ़ चढ़ कर भागीदारी :-
राजनीति में महिलाओं को निभानी चाहिए बढ़-चढ़ कर भागीदारी सुष्मिता देव
गोरखपुर। अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद सुष्मिता देव ने महिलाओं से राजनीति में बढ़-चढ़कर भागीदारी करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी में महिलाओं की भागीदारी सम्मानजनक तरीके से होती है तो आने वाले विधानसभा चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने से कोई नहीं रोक सकता है।
सुष्मिता देव रविवार को बरगदवां स्थित अखिल भारतीय महिला कांग्रेस के 36वें स्थापना दिवस के मौके पर पूर्वांचल महिला सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं। कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी राजनीति में पुरुषों की तरह ही महिलाओं की भागीदारी के पक्षधर थे। हर मंच में इसके लिए आह्वान भी करते थे।
इस मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय सचिव व उत्तरप्रदेश के सह प्रभारी सचिन नायक ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कांग्रेस पार्टी हमेशा ही अग्रसर रही है। अगर महिलाओं के बीच पार्टी की नीतियों को पहुंचाते हैं तो पार्टी का आधार घर-घर तक हो जाएगा। पार्टी कार्यकर्ताओं से महिलाओं को पार्टी सदस्यता दिलवाकर मजबूत बनाने का आह्वान किया। संचालन उत्तर प्रदेश अखिल भारतीय महिला प्रभारी नंदिता हुड्डा व पूर्वी जोन की महिला अध्यक्ष शहला अहरारी ने किया। इस दौरान निवर्तमान जिला अध्यक्ष राकेश यादव, पूर्व विधायक हरिद्वार पांडेय, तलत अजीज, डॉ. विजाहत करीम, डॉ. सुरहिता करीम, प्रतिभा पाल, सबीहा सब्जपोश, विद्या नेगी, सत्या पांडेय, शिव कुमारी, जयंत पाठक, आलोक त्रिपाठी, हरिसेवक त्रिपाठी, राजीव पांडेय, मनीष कुमार, बादल चतुर्वेदी समेत काफी संख्या में पार्टी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे।
यह भी पढ़े :
भारतीय नौजवान
अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय संयोजक रंजीता मेहता :-
पंचकूला। कांग्रेस पार्टी के पंचकूला विधानसभा क्षेत्र से सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय संयोजक रंजीता मेहता के नेतृत्व में दिल्ली के रामलीला ग्राउंड में भारत बचाओ रैली में शिरकत की। इस रैली में प्रदेश के विभिन्न स्थानों से भारी संख्या में लोगों के पहुंचने पर आभार व्यक्त किया। रंजीता मेहता ने बताया कि आज जनता में भाजपा सरकार की गलत नीतियों को लेकर भारी रोष है। इस सरकार ने किसान वर्ग का जहां नुकसान किया है, वहीं भाजपा सरकार ने रोजगार व महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी अपनी उदासीनता पूर्ण रवैया ही रखा है। सरकार के खिलाफ होने वाली इस भारत बचाओ रैली में लोगों का भारी जनसमर्थन इस बात को दर्शाता है कि समय ने करवट ले ली है । सोनिया गांधी के नेतृत्व में होने वाली भारत बचाओ रैली अपने आप में मील का पत्थर साबित हुई है। रंजीता मेहता ने कहा कि एक सशक्त विपक्ष के रूप में अपनी भूमिका का निर्वाह कर व जनता के अधिकारों को उसके प्रति सजग करने का कार्य भी कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी के हाथों किया गया है। भाजपा को कुंभकरण की नींद से जगाने का कार्य भी इस भारत बचाओ रैली के माध्यम से किया गया है।
इन चुनावों में महिला उम्मीदवारों के लिए वोट :-
क्या आप जानते हैं कि चुनाव में महिला उम्मीदवारों के जीतने का अनुपात पुरुष उम्मीदवारों से ज़्यादा रहता है? 1952 के पहले लोकसभा चुनावों से लेकर 16वीं लोकसभा तक महिलाएं जीतने के अनुपात में हमेशा पुरुषों से आगे रही हैं |
1952 के पहले लोकसभा चुनावों में करीब 1874 उम्मीदवार चुनाव लड़ने उतरे थे जिनमें से 1831 पुरुष और 43 महिलाएं थीं. इनमें से जहां 1831 में से 467 पुरुषों की जीत हुई थी वहीं, 43 में से 22 महिलाओं ने जीत हासिल की थी. महिलाओं के जीतने का प्रतिशत 51.16 और पुरुषों का 25.50 रहा था |
जीत का प्रतिशत चुनाव लड़ने वाले कुल उम्मीदवारों के मुकाबले जीतने वालों का अनुपात होता है |
यह सिर्फ महिला उम्मीदवारों की जीत नहीं है बल्कि यह भारतीय राजनीति में महिलाओं की संख्या बढ़ाने के लिए प्राथमिकता बढ़ने जैसा है|
राजनीति में महिलाओं के योगदान पर काम कर रहे एक निष्पक्ष मंच ‘शक्ति’ के एक सर्वेक्षण के मुताबिक करीब 82 प्रतिशत लोग 2019 के लोकसभा चुनावों में महिलाओं को चुनना चाहते हैं |
यह सर्वेक्षण ‘नेता’ ऐप पर किया गया था और 10 लाख मतदाताओं ने उसका जवाब दिया था
शक्ति की सह-संस्थापक तारा कृष्णस्वामी कहती हैं इस देश में महिला और पुरुष जिन समस्याओं का सामना करते हैं, जिन्हें वो जीते हैं वो बिल्कुल अलग होती हैं हाल ही में लोकसभा में सेरोगेसी बिल पास किया गया है. संसद में 90 प्रतिशत सांसद पुरुष हैं जो चाहकर भी गर्भधारण नहीं कर सकते फिर भी इन पुरुषों ने महिलाओं के शरीर को नियमित करने वाला बिल पास कर दिया है. हमारी नीतियां देश की 50 प्रतिशत आबादी यानि महिलाओं की जरूरतों से मेल नहीं खातीं. इसलिए हमें ज़्यादा महिला नेताओं की जरूरत है |
क्या महिला उम्मीदवार बेहतर होती हैं :-
सिर्फ तारा जैसी महिला कार्यकर्ता का ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र के आदिवासी गांव की रहने वाली 18 साल की यशोदा को भी लगता है कि देश में ज़्यादा महिला सांसदों और विधायकों की ज़रूरत है जो महिलाओं के मुद्दों को उठा सकें |
मैं हाल ही में यशोदा से मिली थी वह और उनके आसपास के गांवों की महिलाएं पीढ़ियों से पानी की कमी का सामना कर रही हैं लेकिन इन महिलाओं को राहत देने के लिए कोई महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाया गया है |
इसके जवाब में यशोदा सीधे कहती हैं क्योंकि सरकार में कोई महिला मंत्री नहीं है |
यशोदा को अपने आसपास के हालात देखकर राजनीति में महिलाओं की ज़रूरत होने का विचार आया. जब वह देखती हैं कि गांव के मर्दों को महिलाओं की इस समस्या से कोई खास मतलब नहीं है तो सोचती हैं कि राजनीति में भी पुरुष ऐसा ही करते होंगे |
वह कहती हैं हो सकता है कि महिला मंत्री ही महिलाओं की स्थिति में कुछ बदलाव ला दे पुरुषों ने तो अभी तक कुछ खास किया नहीं है |
Election Party Notes |
Join WhatsApp Group |
Download Our Mobile App Free |
Subscribe Telegram Channel |
Computer Notes
Hindi Hand Writing Notes History Hand Writing Notes English Hand Writing Notes Geography Hand Writing Notes Arts And Culture Hand Writing Notes |
Patwari GK MCQ PDF
REET MCQ PDF Forest Guard GK MCQ PDF Patwari Computer MCQ PDF High Court LDC GK MCQ PDF 2020 Completed Current Affairs PDF |
REET Hand Writing Notes PDF
PTET Hand Writing Notes PDF Forest Guard Hand Writing PDF Agriculture Supervisor Notes PDF PTET Hand Writing Notes PDF |
Leave a Reply